Wednesday, March 11, 2009

दिल में होली जल रही हैं...


सर्वप्रथम सुश्री पाठकों और सम्पूर्ण चिठ्ठा-जगत को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
हाय! अप्रवासी जीवन....होली आई और चुपचाप चली जा रही हैं...न कोई हुडदंग न ही होली की उमंग... कार्यालय में बैठकर अपने संगणक पर देश-दुनिया से आयी बधाईयाँ पढ़ रहें हैं और वही नापा तुला जवाब "आप को भी होली की हार्दिक बधाई" छाप रहे हैं... कल शाम (भारत में दुलेन्दी/होली की सुबह) सारे नात रिश्तेदारों को दूरभाष पर बधाई दी और उनके धमाल और जूनून को सुन के और ग़मज़दा हो गए।


होली के लिए शुभ करने के लिए पत्नी ने गिनी चुनी चंद गुझिया बनाई वो भी स्पेंडा (सुगर-फ्री) डालकर। बड़े अनुरोध पर कुल दस आलू के पापड़ बने - ५० मधुमय की याद दिलाते हुए तानों के बाद .... बचपन के दिन याद आ गए- जब माँ-चाची मिलकर दिनों-दिन पापड़-चिप्स बनती थी और हम घंटो धूप में बैठकर बंदरो से उनकी रक्षा करते थे...वो बात अलग हैं कि कई कच्चे ही हमारी जेठरग्नि कि भेट चढ़ जाते थे...होली की रात से पहले सारा घर बैठकर गुझिया बनाता था ... गुझिया का खोया जांचने के नाम पर कितनी बार खोया चट कर जाते थे और माँ कि ममतापूर्ण गाली खाते थे... हम भी तरह-तरह से गुझिया गूंथने के परिक्षण करते थे... फिर माँ का सारे घर को उपटन लगाना.... होली जलने जाने के बाद लौटते समय वो गन्ने खाना... पिताजी का जल्दी से घर आना (जिससे माँ उन्हें पहला रंग लगा सके) और हमारा वहीं होली जलने के बाद रंग फेकना शुरू करना... बाद में टोली बनाकर सारा शहर नापना... हाय वो हुडदंग भरी होली.....

यादों की इस वीथिका का विचरण अभी-आई बॉस की ईमेल ने तोडा...वही ऑफिस, वही चुप-चाप सन्नाटा...अब सोचता हूँ हमारे बच्चे शायद ही कभी वो आनंद ले पाए...आने वाले सप्ताहांत में सुबह मन्दिर में भारतीय बंधुओ के लिए गुलाल और फूल की होली उत्सव हैं और फ़िर एक मित्र के गैराज में थोडी देर होली का खेलने का प्लान हैं...अब तो होली का हुडदंग भी सप्ताहंती हो गया हैं.... हाय! अप्रवासी जीवन....

3 comments:

Sachi said...

Sir,

You are right. In pamplona, Spain there are 4 Indians, and two don´t play and Third invited me to eat in his home, and his spanish wife invited me for usual european burgers and hotdogs..

Missing holi so much here.....

Sachi said...

Sir,

You are right. In pamplona, Spain there are 4 Indians, and two don´t play and Third invited me to eat in his home, and his spanish wife invited me for usual european burgers and hotdogs..

Missing holi so much here.....

Pankaj said...

होली की शुभकामनाय ... होली का असली मज़ा भारत मैं ही हे | रंग भंग मिठाई गुब्बारे पिचकारी और ना जाने क्या क्या ... सब कुछ छूट गया, परदेस मे सारा देशी आनंद भी हम से रूठ गया !

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