मित्रों, आमतौर पर, मैं इस तरह के विषय अपने चिठ्ठे पर प्रकाशित नहीं करता किंतु हमारे प्यारे टीपू खान साहब ने मुझे कुछ देर पहले एक मेल भेजी थी। (ये वही टीपू भाई हैं जिनका जिक्र मैंने आपसे
बेबी सीटर वाली घटना में किया था।) उन्होंने लालू जी के संगणक की कुछ रोचक तस्वीरें भेजी। मैंने सोचा की इन्हे आपके साथ भी बाटा जाए। सर्वप्रथम, कुछ
डिस्क्लेमर (माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद और फिर पूजा जी के चिठ्ठे "आखिरी बार कहे देत हैं की ई हमार बिलोग नाही है " के बाद ये डिस्क्लेमर बहुत ज़रूरी हैं। ) - यह तस्वीरें मैंने नहीं बनाई और मुझे इनका स्रोत भी नहीं पता। यदि कॉपीराईट जैसी कोई समस्या हो तो मुझे फ़ौरन बताएं- मैं इन्हे फ़ौरन हटा दूंगा
- लालू जी हमारे समाज के माननीय नेताओ में से एक हैं। साफ़ तौर से उन्होंने रेलवे के बदलाव से अपनी योग्यता सिद्ध की हैं। मेरा उनका अनादर का कोई इरादा नहीं हैं। मैं समझता हूँ कि वे तथा उनके समर्थक इसे परिहास समझकर मुझे क्षमा करेंगे। यदि आपको यह आपतिजनक लगें तो भी बताएं, मैं इन्हे यथा सम्भव त्वरित रूप से हटा लूँगा।
- जिन पाठकों ने इन तस्वीरों का अवलोकन पहले से किया हो उनके समय की बर्बादी के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।
7 comments:
हा हा हा हा !
काफी रोचक तस्वीरें हैं.
ऐसा सही भी हो सकता है.
दिलचस्प....
:) बढ़िया है
हम भी तिपियाने का डिस्क्लेमर देते हैं:)
लगता है
लालू जी
या उनका
कंप्यूटरवा
टल्ली हो
गए हैं।
बगीची पर पढें
लालूजी टल्ली हो गए
पूरा आनंद लें
लिंक
ब्लॉगवाणी में तलाशें
अथवा यहां से कापी करके
http://bageechee.blogspot.com/2009/03/blog-post.html
महाआनंद में गोता लगाएं
हंस हंस के दोहरे तिहरे चोहरे
मोहरे हो जाएं।
यह ईमेल भारत में काफी घूम रहा है, एक प्रति मुझे भी मिली थी।
हां, आपका बेबीसिटर वाला लिंक काम नहीं कर रहा है। मैंने उस पर क्लिक किया तो पेज नोट फाउंड आया। कृपया देखकर इसे ठीक कर दें।
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