Friday, July 10, 2009

हिंदू भावनाओ का तिरस्कार क्यों करती हैं बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ

अभी हाल में ही स्पेन में बर्गर किंग ने माँ लक्ष्मी के साथ अपने गौ-मांस युक्त बर्गर 'Texican Whopper' का प्रचार शुरू किया (देखें)। इस बर्गर को माँ लक्ष्मी के साथ दिखाकर टैग लाइन थी - पवित्र स्नैक। हिंदू के व्यापक विरोध के बाद ये प्रचार सामग्री आनन-फानन हटा ली गयी पर मेरी समझ में ये नहीं आता की बर्गर किंग जैसी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में व्यापक पैठ रखने वाली कंपनी -दुनिया के लगभग १५ प्रतिशत जनसँख्या की उपेक्षा कैसे कर सकती हैं। क्या यह हिंदू सहिष्णुता का परिणाम हैं? अक्सर ही इस तरह की अनदेखी क्यों होती हैं चाहे वो मक डॉनल्डस के फ्रेंच फ्राईस हो या बर्गर किंग की प्रचार सामग्री ....अभी हाल में कुछ जूतों पर हिंदू देवी-देवताओ की तस्वीरें छाप दी गई थीं तो कुछ दिनों पूर्व लन्दन में एक जूता बनानेवाली कंपनी ने अपने मॉडल का नामकरण 'विष्णु' और कृष्ण कर दिया था...

धार्मिक सहिष्णुता का मतलब निरंतर धार्मिक अवमानना या अपमान तो नहीं होना चाहिए। मैं जनता हूँ कि बहुत से प्रबुद्ध पाठक हिंदू उग्रवाद की बात करेंगे ("क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो ") किंतु मेरी समझ से एक तरफा उग्रवाद और उन्माद से यह सिलसिला बंद नहीं होने वाला हैं.... हिंदू भावनाओ के प्रति पश्चिमी जगत, विशेष कर कारपोरेट जगत की संवेदनशीलता किस प्रकार जागृत की जा सकती हैं, यह हमारे समाज के सामने एक बड़ी चुनौती हैं....

6 comments:

Vinashaay sharma said...

hindu bhaawnao ke sath yeh ek khilwar hai,shai main yeh chintan ka vishay hai.

RAJIV MAHESHWARI said...

सच ही तो कहा है आपने.... हिन्दू है ही इस लायक ......

रंजना said...

Sahi kaha aapne.....par kya kiya jaay...

Unknown said...

"सम्मान-वम्मान जाये भाड़ में, अपने को क्या…, मुझे क्या करना, मेरे करने से क्या होगा, मैं क्यों करूँ (कोई और करे तो साम्प्रदायिक कहूंगा)…" जैसी हिजड़ी मानसिकता से ग्रस्त हैं हिन्दू, ये ऐसे ही जूते खाते रहे हैं, रहे हैं और रहेंगे…

निशाचर said...

जिस रामायण की दुहाई हिन्दू देते हैं वही कहता है "भय बिनु होई न प्रीत".

परन्तु अब तो बच्चों को रामायण पढाने के बजाये "तेइसवां साम" पढ़ते देख मां- बाप गदगद होते हैं.

Rahul said...

Plain old trick of marketing to generate buzz by creating controversies... believe it or not, it helps increase sales even within our community since we feel that BK really cares abt hindu sentiments enough to take it down.
And Hindus are quite emotional at reacting on such stuff, which only helps them. MNCs dont get the same reaction from Americans or Europeans due to their liberal views even if they print underwear with American flag design or portray Christ in an offensive manner. I know quite a few episodes of Simpsons where Christ is shown drinking in a pub with Homer... no one gives two hoots.

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