Wednesday, September 2, 2009

क्या दुनिया हिंदू हुई जाती हैं?

इस बार के "न्यूज़ वीक" के संस्करण में लिसा मिलर का एक लेख "वी आर आल हिंदू नॉव ("We Are All Hindus Now ") प्रकाशित हुआ है। इस लेख में अमेरिका में बढती सामाजिक विवधता के कारण आने वाली सामाजिक सोच और बहु-पंथ स्वीकारता के विषय में चर्चा हैं...और साथ ही इस स्वीकारता को ही हिंदुत्व की भावना माना है ।

अमेरिका, जो मूल रूप से धर्मनिरपेक्षता का समर्थक संविधान रखता हैं, में ईसाई बहुसंख्यक हैं। यह राष्ट्र की नीतियों से लेकर कानून पर भी अपेक्षित प्रभाव रखते हैं जिसके उदाहरण विवाह से लेकर गर्भपात सम्बन्धी कानूनों में स्पष्ट दिखते हैं। किंतु कई सम्प्रदायों से मिलन से वैचारिक सहिष्णुता का नया अध्याय लिखा जा रहा है। ऋग्वेद के "एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति" सिद्धांत के अनुरूप अब अधिकांशतः अमेरिका ईश्वर प्राप्ति के कई मार्गों में विश्वास करने लगे हैं। इसी प्रकार उत्तरोत्तर कई पश्चिमी और पूरबी विचारधाराओं के मिलन से जीवन चक्र और कर्मों की गति, पुनर्जन्म में भी विश्वास बढ़ा है। इन भारतीय विचारों के सभी धर्म के अमेरिकी नागरिकों में बढती स्वीकारिता को लिखिका ने हिंदू विचारों का अनुमोदन माना हैं।

हिंदू धर्म को सदैव कट्टर और आदिम दृष्टि से देखने वालों के लिए यह एक अच्छा सबक हैं । "वसुधैव कुटुम्बकं" के उपासक धर्म के सहिष्णुता के मंत्र से अब विश्व सह-अस्तित्व का पाठ पढ़ रहा हैं। हर नवीन ज्ञान के लिए पश्चिम के अनुमोदन का मुख देखने वाले जन भी अब हिंदुत्व को इसी प्रकाश में देखकर कुछ सीखेंगे इसी उम्मीद के साथ ....
सगर्व ,
अप्रवासी

9 comments:

Asha Joglekar said...

Hindu hee apani sahishnuta kho rahe hain. par sahishnuta ko kumjoree bhee nahee mana jana chahiye.

Arvind Mishra said...

मुझे उन्मुक्त जी ने यह लेख अग्रसारित किया था -तब यह न्यूजवीक में छपा था ! पर इस लेख पर हुए वितंडावाद ने मन क्षुब्ध कर दिया था ! बहुतेरे हैं जिन्हें हिदू धर्म की कालातीत होती कुछ बुराइयाँ ही दिखती है जैसे छुआछूत आदि ! इस उल्लेख के लिए शुक्रिया !

Sudhir (सुधीर) said...

अरविन्द मिश्रा जी,

यह लेख न्यूज़ वीक में ही प्रकाशित हुआ था. लिंक तो न्यूज़ वीक का ही दिया था किन्तु त्रुटिवश बिज़नस वीक लिख गया था.

गलती की ओर ध्यान दिलाने और टिपण्णी के लिए आभार.

Unknown said...

वाह !
मस्तक उन्नत करने वाला आलेख !
साधु !
साधु !

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

दुनिया तो हिन्दू हुई जा रही है और हम हिन्दू होने पर गर्व करे तो सांप्रदायिक कहलाते है .

मुनीश ( munish ) said...

Sundar vichar ! Sachche vichar !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

विडम्बना यह है कि भारत में हिन्दू यदि अपने को हिन्दू कहता है तो उसे साम्प्रदायिक कहा जाता है।

Arshia Ali said...

जैसी सोच, वैसी बातें।
{ Treasurer-S, T }

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

haan मैंने भी ये खबर पढ़ी थी .... बढिया किया ब्लॉग का विषय बनाया |

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